जिंदगी के कारोबार में अना मेरी दौलत हैं तो इमान मेरा गुरूर!! खैरात की जन्नत से खुद्दारी का जहन्नुम बेहतर हैं।
~ अनामिका
इस blog के माध्यम से मेरी लिखी हुई कुछ हिंदी और मराठी गजलें एवं कविताएँ "अनामिका" इस तखल्लूस के साथ दुनिया के सामने लाने की एक कोशिश... - Shraddha R. Chandangir, Nagpur