Monday 29 June 2015

उसूल

जिंदगी के कारोबार में अना मेरी दौलत हैं तो इमान मेरा गुरूर!! खैरात की जन्नत से खुद्दारी का जहन्नुम बेहतर हैं।
~ अनामिका

बेबसी

बिन देखें मुझको वो रहता क्यूँ नहीं?
ताज्जुब हैं फिर भी कुछ कहता क्यूँ नहीं?
.
तडप मेरी चाहत की दिखती हैं उन आँखो में
अश्कों का कोई कतरा फिर बहता क्यूँ नहीं?
.
ऐतबार तो हैं मुझे भी, पर गुरूर भी तो हैं
फिर दूरी उससे ये दिल सहता क्यूँ नहीं?
.
चलो छोडो मैं ही, पहल कर दूँ सोचता हूँ
फिर डर के मारे ये दिल भी कुछ कहता क्यूँ नहीं?
~अनामिका

Sunday 28 June 2015

जुदाई

राह देखते देखते तेरी बहुत देर हो गई
कल तलक मैं तेरी थी आज गैर हो गई।
.
न पुंछा तुने कुछ भी, न कहां मैंने कुछ भी
इस बिच इक मोहब्बत की शाम-ओ-सहर हो गई

.
अनकहे कुछ जज्बात भीतर ही दफन हो गए
जुदाई की वो घडींयाँ पल में कहर हो गई
.
मर मर के गुजरती हैं अब तेरे बिना ये जिंदगी
तेरे नाम जो साँसे थी, आज जहर हो गई।
~ अनामिका

Saturday 27 June 2015

तनहाई

शाम दस्तक देती हैं, दिन ढलने लगता हैं
राह ताकें अँधेरा ये मुझे छलने लगता हैं।
.
जेहन में रह जाते हैं कुछ खयाल और सवाल
इस बीच इक वहम दिल में पलने लगता हैं।
.
जर्रे जर्रे में दिखता हैं मेरा ही अक्स मुझको
तनहाई का ये वक्त इस कदर खलने लगता हैं।
.
रेंगते हुए आता है, सर से पाँव तक चुभता हैं
भीतर दफन इक राज का जख्म जलने लगता हैं।
.

गुंज उठती हैं खामोशी, रूह की गहराई से
चारों तरफ सन्नाटों का शोर चलने लगता हैं।
~ अनामिका

Friday 26 June 2015

नियत

परेशान तू भी हैं
परेशान मैं भी हूँ।
.
खुदगर्ज तू भी हैं
खुदगर्ज मैं भी हूँ।
.
दुश्मन तेरे भी हैं
दुश्मन मेरे भी हैं।
.
दुआ तू भी करता हैं
दुआ मैं भी करता हूँ।
.
फर्क सिर्फ इतना हैं,
.
.
तू दूसरों की बर्बादी माँगता हैं
मैं अपनी आबादी माँगता हूँ।
~ अनामिका

Thursday 25 June 2015

नुमाईश

यूँ ना नुमाईश कर अपने नए इश्क की... अगर मुझपे इसका असर ना हुआ, तो ये तुझे बहुत असर करेगा।
~ अनामिका

जिंदगी

जिंदगी में कुछ मुकाम ऐसे भी आते हैं... जहाँ नतीजे तो मिल जाते हैं, वजह नहीं मिलती।
~ अनामिका

Wednesday 24 June 2015

खुद्दारी

दिल के मामलों में खुद्दारी बड़ी महँगी पड़ती हैं साहब... उसे आजाद करके, मैं खुद में कैद रहता हूँ।
~ अनामिका