Wednesday 28 October 2015

मैंने महसूस किया उसके अच्छे हालात नहीं....

मैंने महसूस किया उसके अच्छे हालात नहीं
वर्ना खून मेरा न खोले, ऐसी कोई बात नहीं।
.
दुश्मनी पे उतरू तो खाक हो जाए दोस्ती भी
पर इंसानियत भूल जाऊँ, ऐसी मेरी जात नहीं।
.
पाकीजा नियत को, बुजदिल ही कहगा जमाना
मश्वरा भी वो देंगे हैं जिनकी खुदकी औकात नहीं
.
फकीर की भी झोली से दुआए बटोरी जाती हैं
बेमतलब इक सिक्के की भी, कोई खैरात नहीं।
~ अनामिका

Sunday 25 October 2015

बेवजह हँसना मुझे खुमारी लगती हैं...

बेवजह हँसना मुझे खुमारी लगती हैं
पागल न समझो जिन्हें ये बीमारी लगती हैं।
.
जिम्मेदारीयाँ हैं जो टूटने नहीं देती
वर्ना तनहाई किसे प्यारी लगती हैं।
.
चल रही हैं साँसे पर तेरे इंतजार में
मेरी ये मुझी से गद्दारी लगती हैं।
.
कल की खुशी से आज का क्या ताल्लूक
वो मीठी यादें अब खारी लगती हैं।
.
छोडके जाना तेरी मजबूरी थी मगर
मुझे तो ये दुनियादारी लगती हैं।
~ अनामिका

Friday 23 October 2015

जिंदगी तो कट जाती हैं....

हम दोनों की जिंदगीयाँ जोड़ने के लिए वो मसरूफ था बहुत... शायद भुल गया था की जुड़ते तो सिर्फ लहमे हैं, जिंदगी तो कट जाती हैं....
~ अनामिका

Monday 19 October 2015

यादों को न याद दिला...

यादों को न याद दिला, कभी न कभी ठहर जाएगी
बिखरी पड़ी जिंदगी हैं, आज या कल में सवर जाएगी
तेरी मोहब्बत तो फिर भी, दो ही दिन का फसाना थी
मेरी नफरत जो आएगी, कयामत बन के गुजर जाएगी।
~ अनामिका

Friday 16 October 2015

वक्त खराब हो तो ज्यादा उड़ा नहीं करते....

बेवकूफों की समझदार बातों में कभी पड़ा नहीं करते
भैया वक्त अगर खराब हो तो ज्यादा उड़ा नहीं करते।
.
अरे बड़े ही लोग होते हैं ये अखबारों में छलकने वाले
तस्वीर के लिए ये काम कोई अधूरा छोडा नहीं करते।
.
खामोशी से भी जताई जाती हैं गलतियाँ महबूब की
सच्ची मोहब्बत मे यूँ बात बात पे लड़ा नहीं करते।
.
गरीबी में भी खुद्दारी के बखूबी नाज नखरे उठाएँ मैंने
जनाब यूँ ही दाम इज्जत के यहाँ बढ़ा नहीं करते।
~ अनामिका

Thursday 15 October 2015

बताना मुझे नहीं आया तो जताना उसे नहीं आया....

अधूरी मोहब्बत निभाना आखिर किसे नहीं आया?
बताना मुझे नहीं आया, तो जताना उसे नहीं आया।
.
यूँ तो बिछाए हर तरफ जाल ही जाल थे मोहब्बत के
फसाना मुझे नहीं आया तो छुडाना उसे नहीं आया।
.
चुप्पी में भी जज्बातों की शिकायत बखूबी हुई  लेकिन
सताना मुझे नहीं आया तो मनाना उसे नहीं आया।
.
अपनी अपनी जिंदगी के बस अपने अपने लम्हे
हँसाना मुझे नहीं आया तो रुलाना उसे नहीं आया।
~ अनामिका

Thursday 8 October 2015

मेरे कृष्ण मुरारी....

ओ बांके बिहारी
ओ मेरे कृष्ण मुरारी
मेरी सुनलो अर्ज जरासी
मैं हूँ तोहरी दासी
कान्हा मैं हूँ तोहरी दासी।।
.
तू ही जाने मन की पीड़ा जाने सुःख दुःख सारा
पढ लो मन की बात मनोहर तुझपे जीवन हारा
ना मथुरा ना गोवर्धन
ना भाए ब्रिज ना काशी
मन में आस तेरे चरणों की
मैं हूँ तोहरी दासी
कान्हा मैं हूँ तोहरी दासी।।
.
पनघट पे संसार के गोविंद गगरियाँ मोरी भर दो
भुलि जग की मोह माया, भवबंधन से मुक्त कर दो
साज श्रृंगार ये दर्पण फिका
फिकी हैं धनराशि
त्रिष्णा मन की एक ही जाने
किशन मिलन को प्यासी
कान्हा मैं हूँ तोहरी दासी।।
.
ओ बांके बिहारी
ओ मेरे क्रृष्ण मुरारी
मेरी सुनलो अर्ज जरासी
मैं हूँ तोहरी दासी
कान्हा मैं हूँ तोहरी दासी।।
~ अनामिका

Monday 5 October 2015

नफरत नफरत होती हैं....

नफरत नफरत होती हैं, उसका तरीका नहीं होता
दुश्मनों में कभी तहजीब और सलिका नहीं होता।
.
जरा सी शोहरत कि लहर से उछलने लगता हैं बच्चा
पर पेड़ कभी टहनी के दम पे टिका नहीं होता।
.
पुराने वक्त की चीजें आज में बेकार समझी जाती हैं
पर मोल जिसका हैं ही नहीं ऐसा सिक्का नहीं होता
.
खोखली सोच छीन लेती हैं बैगुनाह घरों की मिठास
बेवजह जायका सेवैयों का फिका नहीं होता।
~ अनामिका

खोखली सोच...

खोखली सोच छीन लेती हैं बैगुनाह घरों की मिठास
बेवजह जायका सेवैयों का फिका नहीं होता।

Saturday 3 October 2015

ऐ जिंदगी तेरे रफ्तार ने...

ए जिंदगी तेरे रफ्तार ने ये बखूबी सिखाया हैं... के दिन तेजी से गुजरते हैं, वक्त नहीं गुजरता....
~ अनामिका

नजरे साठी नजर...

नजरे साठी नजर जेव्हा दिलदार होते
इशार्यातूनी हितगुज मग थोडीफार होते.
अंतरालाही अंतरून, क्षणात मिटतो दूरावा
तू मला जिंकतोस, आणि माझी हार होते.
~ अनामिका

Friday 2 October 2015

वहाँ दिये तो जलते हैं मगर रोशनाई नहीं होती...

वहाँ दिये तो जल ते हैं मगर रोशनाई नहीं होती
तवायफों के मुकद्दर में कभी शहनाई नहीं होती।
.
हुक्म था पंखों का अब दुनियादारी निभाई जाएँ
वर्ना परिंदे की पेड़ से कभी बेवफाई नहीं होती।
.
जज्बातों से बखूबी खेला, लफ्जों को मापा तोला नहीं
वर्ना कभी की महफिलों में यूँ रुसवाई नहीं होती।।
.
तमाम मुल्क की आवाम भी अब दंगो पर उतर आती हैं
फकत खिताब मिलने से यहाँ बादशाही नहीं होती।
~ अनामिका