Sunday 20 March 2016

न तो घुट-घुट के, न तो डर के पर्दो में जी जाएँ...

न तो घुट-घुट के, न डर के पर्दो मे जी जाएँ
जिंदगी वो हैं, जो अपनी शर्तो पे जी जाएँ।
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विरासत के दौलतमंद क्या जाने मेहनत का नशा
जिंदगी वो नहीं, जो अपने पुरखो पे जी जाएँ।
~ अनामिका

Friday 18 March 2016

थोड़ी formality भी जरूरी हैं

कहने को सब कहते हैं, कि Reality भी जरूरी हैं।
पर रिश्तों को जो जोड़ रखे, वो Quality भी जरूरी हैं
मेरी झूठी मुस्कान से मेरी शख्सियत झूठी न समझो
ये आज कल के रिश्ते हैं, थोड़ी formality भी जरूरी हैं।
~ अनामिका

Thursday 17 March 2016

ये जो मेरी मोहब्बत में वो मगरूर होता हैं....

ये जो मेरी मोहब्बत में वो मगरूर होता हैं
इतराता वो है, और खुद पे गुरूर होता हैं।
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लाजिम हैं उसका भी, अमह मेरी चाहत में
बेशकिमती मेरा भी इश्क-ए-फितूर होता हैं।
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बेरूखी भी उसकी, सिर आँखो पर रहती हैं
इस गुनाह में थोड़ी न किसी का कुसूर होता हैं
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झुक कर ही दिलों कि बुलंदी हासिल होती हैं
सच्ची मोहब्बतों का तो, यही दस्तूर होता हैं।
~ अनामिका

Sunday 6 March 2016

चुनावी दौर हैं मियाँ ये जुमला दे देंगे

कहते हैं कि सबको, हम बंगला दे देंगे
चुनावी दौर हैं मियाँ, ये जुमला दे देंगे।
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जमीन लौटाने के जो वादे किया करते थे
कल खेतीबाड़ी करने को, ये गमला दे देंगे।
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चारों और शांति के जो संदेश लिए घूमते हैं
कल राजनीति में अगर हारे तो हमला दे देंगे।
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फरीश्ते वो हैं जो सरहद पर शहीद होते हैं
ये झूठे मसीहा महज, झूठा हौसला दे देंगे।
~ अनामिका

Friday 4 March 2016

खुद्दारी

झूठी बुलंदी से खुद को खिलाफ किया हैं मैंने
आज अपनी नियत को, साफ किया हैं मैंने
खुद्दारी चखने के लिए लाख मुश्किलें उठाई हैं
तब कहीं जाकर खुद को माफ किया हैं मैंने।
~ अनामिका