Friday 29 July 2016

जीना होगा कुछ तो दुनिया के मुताबिक।

उसकी तनहाई का इलाज नहीं मिलेगा
जिससे किसी का मिजाज नहीं मिलेगा ।
.
जीना होगा कुछ तो दुनिया के मुताबिक
अपने हिसाब का तो रिवाज नहीं मिलेगा।
.
ख्वाहिशों का नशा इक उम्र तक ठिक हैं
उम्र निकलने पर कामकाज नहीं मिलेगा।
.
सजानी चाहिए मजबूरियों से भी जिंदगी
जब तक मनचाहा सा साज नहीं मिलेगा।
.
आजमा लेना चाहिए जिंदगी को भी वर्ना
आखिरी वक्त सुनाने को राज नहीं मिलेगा।
~ श्रद्धा (अनामिका)

Wednesday 20 July 2016

कहने को तो पोझीशन और पाँवर देती हैं जिंदगी।

लगता हैं कि बड़े अच्छे ऑफर देती हैं जिंदगी
असल में तो समझौतों के सफर देती हैं जिंदगी।
.
जैसे जिस गले में होते थे कभी दोस्तों के हाथ
अब वहाँ बस टाय और काँलर देती हैं जिंदगी।
.
इक ख्वाहिश माँ से मिलने की पूरी नहीं हो पातीं
कहने को तो पोझीशन और पाँवर देती हैं जिंदगी।
.
यहाँ खुद से वाकिफ होने का नेटवर्क नहीं मिलता
यूँ तो हर जगह तरह तरह के टाँवर देती हैं जिंदगी।
.
वो गुल्लक वाले सिक्के तो फिर भी नहीं मिलेंगे
जबकि अब सीधे रुपयों से डाँलर देती हैं जिंदगी।
.
कभी मुनाफे में हो बेचैनी, कभी सुकून नुकसान में
बस कुछ ऐसे ही जीने के, ऑफर देती हैं जिंदगी।
~ श्रद्धा