दिन बदलते रहते हैं... कबख्त वक्त नहीं बदलता...
इस blog के माध्यम से मेरी लिखी हुई कुछ हिंदी और मराठी गजलें एवं कविताएँ "अनामिका" इस तखल्लूस के साथ दुनिया के सामने लाने की एक कोशिश... - Shraddha R. Chandangir, Nagpur
Wednesday 26 October 2016
Friday 7 October 2016
कल मेरा भी वक्त होगा।
जिंदगी का ये दौर आखिर कब तक सख्त होगा?
माना आज तेरा हैं, पर कल मेरा भी वक्त होगा।
.
किस्मत छापा मारती हैं, जरा चौकन्ना रहना चाहिए
न जाने किस का चैन-ओ-सुकून, कब जप्त होगा।
~ श्रद्धा ( अनामिका)
माना आज तेरा हैं, पर कल मेरा भी वक्त होगा।
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किस्मत छापा मारती हैं, जरा चौकन्ना रहना चाहिए
न जाने किस का चैन-ओ-सुकून, कब जप्त होगा।
~ श्रद्धा ( अनामिका)
Saturday 1 October 2016
कामयाबी
कामयाबी कि सीढ़ी चढ़ रहे हो लेकिन ये ध्यान रहें, कोई असलियत का आईना दिखा दे तो चेहरा ना उतर जाएँ।
~ अनामिका
~ अनामिका
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