इस blog के माध्यम से मेरी लिखी हुई कुछ हिंदी और मराठी गजलें एवं कविताएँ "अनामिका" इस तखल्लूस के साथ दुनिया के सामने लाने की एक कोशिश... - Shraddha R. Chandangir, Nagpur
Friday 6 May 2016
समझौते
सिर्फ समझौते होने लगे हैें, नाराजगी नहीं रहती
लगता हैं कि रिश्तों में अब वो ताजगी नहीं रहती।
~ अनामिका