Saturday 30 January 2016

अपने भी हिस्से सुकून के पल दो पल मिलें

परेशानीयोंका मौला मेरे कुछ तो हल मिले
अपने भी हिस्से सुकून के पल दो पल मिले।
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रंज ले के घूमते हैं जो झूठे अश्को में हमदर्द
दुआ हैं कि आँखो को उनके गंगाजल मिलें।
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सर्द हवाएँ इन दिनों गर्म मिजाज में रहती हैं
नेकी करों के फकिर के, बदन पे कंबल मिलें।
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बेरुखी हि मोड़ दे तेरा रूख मेरी और अब
क्या पता, के हम कभी न फिर कल मिले।
~ अनामिका

Facebook ka Password

रातों को भी जागने वाला इक Bird बना रखा हैं
अच्छे खासे इंसान को, क्यो चमकादड बना रखा हैं
आखिर निकलोगे तुम कैसे मेरे दिल-ओ-दिमाग से सनम
तुम्हे मैंने Facebook का Password बना रखा हैं
~ अनामिका

Friday 29 January 2016

ख्वाहिशों कि जमीन को जो विरान किया हैं तूने...

ख्वाहिशों कि जमीन को जो विरान किया हैं तूने
ए जिंदगी मुझे बार बार, यूँ हैरान किया हैं तूने।
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किसी को भी मुझसे अब शिकायतें नहीं रहती
देख किस कदर, मुझे परेशान किया हैं तूने।
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अंदाजा नहीं लगता अब कल को लेकर खुद का
ये किस तरह का मुझ को तूफान किया हैं तूने
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दिल पे नहीं लगती, अब हालातों कि मार
बढ़ती उम्र के साथ यूँ नादान किया हैं तूने।
~ अनामिका

Tuesday 19 January 2016

माना बात दिल की हमें बताना नहीं आता....

माना बात दिल की, हमे बताना नहीं आता
झूठ तो ये भी हैं कि इश्क जताना नहीं आता।
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लूटाने को बेसब्र हैं जो दिल में छिपी मोहब्बत
मसला बस ये हैं कि उसे कमाना नहीं आता।
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पाकीजा जज्बातों पे वोे हार ही जाएगा आसानी से
तरह तरह की कोशिशों से उसे फँसाना नहीं आता
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हैरत हैं कि जिस को पाया ही नहीं अब तक
फिर सपने में भी क्यो उसे गँवाना नहीं आता।
~ अनामिका

Wednesday 13 January 2016

सोच अपनी अपनी....

A CONVERSATION BETWEEN YOUNGER BROTHER & ELDER SISTER
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SISTER :- (भाई के पास आकर)  ए छोटू... तेरा mobile दिखा तो जरा....??
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BROTHER:- (बहन कि तरफ बिना देखे mobile पे chatting करते हुए) क्यो???
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SISTER:-  ( भाई के कंधे हिलाते हुए) अरे दिखा ना यार दो मिनट....
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BROTHER:-  (जरासा irritate होकर) क्यो चाहिए तुझे मेरा mobile?? तेरे mobile को क्या हुआ?? >_<
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SISTER:-  (भाई को चिडाते हुए) कल चुपके से तेरे mobile में तेरी girlfriend की फोटो देखी थी... वो mummy को दिखानी हैं। :D
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BROTHER:- ( बहन की तरफ गुस्से से देखते हुए) बकवास बंद कर अपनी  >_<
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SISTER:- हाहाहाहाहाहा.... अरे यार... मजाक कर रही थी... तेरा Birthday था ना कल... शाम को तो तूने हमारे साथ celebrate किया... लेकिन रात को जो दोस्तों के साथ celebrate किया उसकी photos देखनी हैं।
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BROTHER:-  (mobile से एक नजर हटाकर बहन कि तरफ देखते हुए) तुझे क्यो देखनी हैं हम friends की photos?? -_- जा अपना काम कर!!!
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SISTER:- (भाई के पास बैठते हुए) दिखा ना यार... क्यो भाव खा रहा हैं??
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BROTHER:- ( 5 seconds बहन की तरफ देखकर) ठिक हैं ले... लेकिन यही देख... और जल्दी वापस कर!!!
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SISTER:- ( Mobile कि gallery खोलकर पहला फोटो देखते हुए) हममममममम्...
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BROTHER:-  क्या हमममममम्??
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SISTER:- देख रही हूँ... हम लड़कियों के तो गिने चुने friends रहते हैं... तुम लड़को की इतनी पलटन कहाँ से जमा हो जाती हैं?? :O
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BROTHER:- (उसे अनदेखा करते हुए)
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SISTER:- (धीरे धीरे photos देखते हुए) तेरी तो जम के पिटाई हुई लगता हैं :D मेरी भी कसर निकाल ली इन लोगों ने ;)
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BROTHER:- ( बहन कि हाथों से mobile लेते हुए) चल अब देख के हो गया हो तो वापस कर!!
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SISTER:- ( फिर से mobile छिनते हुए) रूक ना यार... ( 3 seconds बाद)
Waoooooo.... cake तो superb था!! मैंने जो लाया था, उससे भी ज्यादा!! :/
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BROTHER:- ( हल्का सा गुस्सा करते हुए) अरे मेरी माँ... cake जैसा cake था!! तू जल्दी देख और वापस कर!! >_<
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SISTER:- अरे ये क्या??? सारे Birthday photos खत्म?? इसमें तो वो photos हैं ही नहीं??
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BROTHER:- ( माथे पे शिकन के साथ) वो photos ??? कौन से वो photos?? :o
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SISTER:- अरे वहीं photos... जिसमें cake cut करके सब एक दुसरे के मुँह पे लगाते हैं...!!! वहीं तो main photos होते हैं ना हर Birthday Party के?? वो तो इसमें हैं ही नहीं!! Friend के mobile में हैं क्या??
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BROTHER:- (बहन कि तरफ देखते हुए) नहीं... वो Photos नहीं हैं क्योकी वैसा कुछ हुआ ही नहीं!!
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SISTER:- नही हुआ?? :O अरे ऐसा कैसे हो सकता हैं? तेरे friends ने तेरे मुँह पे cake नहीं लगाया?? :O
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BROTHER:- (सिर्फ एक शब्द में जवाब) नहीं!!!
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SISTER:- पर ऐसा हो कैसे सकता हैं?? तुम लोग first year के college going students??? फिर भी ऐसा नहीं हुआ?? ऐसा क्यो????.
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BROTHER:- ऐसा इसलिए नहीं हुआ क्योकी ऐसा करने के लिए मैंने मना कर दिया।
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SISTER:- क्यो मना कर दिया? ये तो आजकल का fashion हैं ना?? फिर भी??
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BROTHER:- ( हल्का सा मुस्कूराकर) FASHION?? आखिर FASHION कहते किसे हैं?? वो... जो चार लोगों में अच्छा लगे? वो... जिससे हमें और साथ साथ दुसरों को भी खुशी हो??  Right??? और कौन बनाता हैं ये fashion?? हम?? हमारे जैसा youth?? वो youth जो देश कि गरीबी के लिए, या एक वक्त की रोटी को तरसते उन गरीब बच्चों के लिए हमदर्दी दिखाता हैं... वो?? वो बनाते हैं ये Fashion??
इसका तो एक ही मतलब होता हैं!! या तो हम  झूठे हैं?? या फिर... ये हमदर्दी भी हमारे लिए सिर्फ एक Fashion हैं!!! आज भी हमारे देश में कई लोग ऐसे हैं जिनका Daily Income 10-20 rs. से ज्यादा नहीं...!! और ऐसी situation मे हम 400-500 rs. का cake जो उन लोगों ने कभी चखा भी नहीं होगा उसको महज Fashion के नाम पे या चंद पलो की झूठी खुशी के लिए waste कर देते है?? ये कैसा खोखला fashion हैं? 500 कि जगा 1000 का भी cake लाया तो problem नहीं हैं, लेकिन खाने की चीज को महज fashion के नाम पे waste कर देना वो भी उस देश में जहाँ अन्न को पूर्णब्रम्ह कहाँ जाता हैं ये बात समझ नहीं आती। खुशियाँ मनाने के अपने अपने तरीके हैं लेकिन, अगर हम देश के जागरूक नागरिक होने का दावा करते हैं तो उसी देश के लिए थोड़ा sensible होना भी अपनी responsibility हैं।
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SISTER:- बात तो तुने बिलकुल सही कहीं... लेकिन तेरी ये बात सुनकर तेरे friends मे सेें कोई तुझपर हँसा??
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BROTHER:- हममममम्.... कुछ पैसे वाले थे, जो ऐसा सुनकर हँस पड़े... लेकिन कुछ दिमाग वाले थे, जिनके चेहरों पर बदलाव के हावभाव दिखाई दिए।
~ अनामिका (13 January 2016)

Friday 8 January 2016

सवेरा भी दोपहर में जिनका कंबल में होता हैं

सवेरा भी दोपहर में जिनका कंबल में होता हैं
वो शेरों को बताते हैं कि क्या जंगल में होता हैं।
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नियत और सीरत से ही निर्दोष होना काफी नहीं
कई बार तो दोष यहाँ पर मंगल में होता हैं।
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बाँसुरी की धून वाला जमाना कब का गुजर गया
आज कल का भजन तो DJ संदल में होता हैं।
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आपसी मतभेद टकरानेके नतीजे कौन सोचता हैं
फिर कहते हैं की भारी नुकसान तो दंगल में होता हैं।
~ अनामिका

Wednesday 6 January 2016

जिंदगी जीते तो सब हैं... लेकिन बहुत कम ऐसे हैं जो सपनों को जी कर जिदगी को जीत ते हैं।

एक जद्दोजहद... जो जहन के किसी ना किसी कोने मे हमेशा दबी रहती हैं।
यार....जो करना हैं वो नहीं हो रहा हैं तो चुभन हो रही है।। लेकिन जो नहीं करना हैं वो करना शुरू कर दिया तो घुटन होने लगेगी।।
दोनों मामलों में तकलीफ तो होनी ही हैं।
फिर चुभन या घुटन??
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Television... जब मन किया तब देख लिया... जब मन किया बंद कर दिया!! नजारे... मन हुआ तो देखने चले गए... मन नहीं हुआ तो नहीं देखे !! लेकिन सपने?? सपनों का क्या? मन हो तो देखे जाते हैं... और ना हो तो दिख जाते हैं!! कभी भी... कहीं भी... खुली आँखो से... या बंद आँखो से!!
जिंदगी क्या चाहती हैं वो पता नहीं... लेकिन जिस्म में बसी ये जान क्या चाहती हैं वो पता होता हैं... सपने अधूरे हि सही पर पुरे होने की उम्मीद हमेशा रहती हैं, लेकिन सपने फाड दिए तो कभी रफू भी नहीं हो सकते...! जिंदगी जीते तो सब हैं... लेकिन बहुत कम ऐसे हैं जो सपनों को जी कर जिदगी को जीत ते हैं।
~ अनामिका

Monday 4 January 2016

माँ

माना थक कर आँखे उसकी बंद होती हैं
पर माँ सोती भी हैं, तो फिक्रमंद होती हैं।
~ अनामिका

एक सोच

कौन कहता हैं कि कीमती चीज सिर्फ उसकी कीमत से तय होती हैं?
जहाँ सोने का ताज सर की शान बढ़ाता हैं... वहीं चमडे की चप्पल काँटो से बचाती हैं।
~ अनामिका