इस blog के माध्यम से मेरी लिखी हुई कुछ हिंदी और मराठी गजलें एवं कविताएँ "अनामिका" इस तखल्लूस के साथ दुनिया के सामने लाने की एक कोशिश... - Shraddha R. Chandangir, Nagpur
Wednesday 4 November 2015
झरने
बिछडते वक्त उसकी आँखो में क्या देखा था
अब रास्तो में मेरे, कई झरने आते रहते हैं।