Friday 27 November 2015

खुद्दारी को मेरे वो फिजूल कहते हैं...

खुद्दारी को मेरे वो फिजूल कहते हैं
कोई बताए उन्हें, इसे उसूल कहते हैं।
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मोहब्बत के जोखिम से जिंदगी को जाना हैं
और दुनिया वाले हैं, की इसे भूल कहते हैं।
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लाखों बातें करके भी दिल जुड़ नहीं पाते
और रिश्ता जुडते वक्त महज कबूल कहते हैं।