इस blog के माध्यम से मेरी लिखी हुई कुछ हिंदी और मराठी गजलें एवं कविताएँ "अनामिका" इस तखल्लूस के साथ दुनिया के सामने लाने की एक कोशिश... - Shraddha R. Chandangir, Nagpur
Wednesday 24 June 2015
खुद्दारी
दिल के मामलों में खुद्दारी बड़ी महँगी पड़ती हैं साहब... उसे आजाद करके, मैं खुद में कैद रहता हूँ। ~ अनामिका