Friday 29 January 2016

ख्वाहिशों कि जमीन को जो विरान किया हैं तूने...

ख्वाहिशों कि जमीन को जो विरान किया हैं तूने
ए जिंदगी मुझे बार बार, यूँ हैरान किया हैं तूने।
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किसी को भी मुझसे अब शिकायतें नहीं रहती
देख किस कदर, मुझे परेशान किया हैं तूने।
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अंदाजा नहीं लगता अब कल को लेकर खुद का
ये किस तरह का मुझ को तूफान किया हैं तूने
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दिल पे नहीं लगती, अब हालातों कि मार
बढ़ती उम्र के साथ यूँ नादान किया हैं तूने।
~ अनामिका