इस blog के माध्यम से मेरी लिखी हुई कुछ हिंदी और मराठी गजलें एवं कविताएँ "अनामिका" इस तखल्लूस के साथ दुनिया के सामने लाने की एक कोशिश... - Shraddha R. Chandangir, Nagpur
Sunday 17 September 2017
नुमाइश
जश्न के नाम पर ये जो
नुमाइश करते हो न तुम
यहीं सबब हैं की मेरी
नज़रअंदाज़ी को,
रश्क समझ लेते हैं लोग!
~ श्रद्धा