Wednesday 16 September 2015

तेरी मोहब्बत में रंग के जब से रंगीन हो गया हूँ....

तेरी मोहब्बत में रंग के जबसे रंगीन हो गया हूँ
आवारा था किसी रोज, अब संगीन हो गया हूँ।
.
मौजूदगी तेरी जिंदगी में मुझे मुकम्मल करती हैं
पर तुझे खोने के खौफ से, गमगीन हो गया हूँ।
.
तमाम नजारे दुनिया के पलट के कभी देखे नहीं
दिदार तेरा जबसे हुआ, अब शौकीन हो गया हूँ।
.
ख्वाहिशे और हसरते तो तमाम थी जिंदगी में
तुझसे क्या मिलना हुआ, मुतमईन हो गया हूँ।
~ अनामिका