Saturday 19 September 2015

ख्वाब जो सारे....

ख्वाब जो सारे,  ख्वाबों में पले हैं
हकीकत ये हैं की हकीकत से जले हैं।
सुरज सा चमकना भी क्या चमकना यारो
ख्वाबों के आफताब भी अंधेरों में ढले हैं।
~ अनामिका