Thursday 3 September 2015

हा... हर कोई भाग रहा हैं...

हा... भाग रहा हैं
हर कोई भाग रहा हैं
कोई जीतने के लिए भाग रहा हैं
कोई किसी के पीछे भाग रहा हैं
तो कोई खुद से पीछा छुड़ा के भाग रहा हैं
किसी को कहीं पहुँचना हैं
किसी को कुछ जीतना हैं
तो किसी को गुम हो जाना हैं
हा... हर कोई भाग रहा हैं
कोई पैरों से भाग रहा हैं
तो कोई ख्यालो से भाग रहा हैं
कोई जिंदादिली से भाग रहा हैं
तो कोई मजबूरी से भाग रहा हैं
कोई कदम रुकते ही डर जाता हैं
कोई खयाल छुटते ही डर जाताहैं
किसी को भागने की खुशी
तो कोई रुकने के डर से भाग रहा हैं
किसी का हौसला भाग रहा हैं
तो किसी का डर भाग रहा हैं
हा...हर कोई भाग रहा हैं...
~ अनामिका