Friday 4 September 2015

आज सल्तनत में तकदिरों से राज नहीं होता...

आज सल्तनत में तकदिरों से राज नहीं होता
अब हर शहजादे के सर पर, ताज नहीं होता।
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एक ही मिट्टी में मिलता हैं आतंकी और सिपाही
लेकिन हर कब्र को जनाजे पे नाज नहीं होता।
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कसम खाकर किसी को, कहाँ हजम होती हैं
जिंदा सीने में दफन कोई राज नहीं होता।
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जिंदगी की दौड़ में जब मंजिल करीब लगने लगें
तो ये वो अंजाम हैं, जिसका आगाज नहीं होता।
~ अनामिका