Friday 11 September 2015

खुदा

ख्वाहिश थी जिसकी बरसों से, मिला नहीं और जुदा हो गया
फरीश्ता समझा एक मुद्दत से जिसे, पलक झपकते ही खुदा हो गया।
~अनामिका