इस blog के माध्यम से मेरी लिखी हुई कुछ हिंदी और मराठी गजलें एवं कविताएँ "अनामिका" इस तखल्लूस के साथ दुनिया के सामने लाने की एक कोशिश... - Shraddha R. Chandangir, Nagpur
Saturday 8 August 2015
अल्लादिन का चिराग
जवानी कि रोशनाई भी फिकी पड जाती हैं उस वक्त
जब बचपन वाला अल्लादिन का चिराग याद आता हैं।
~ अनामिका