इस blog के माध्यम से मेरी लिखी हुई कुछ हिंदी और मराठी गजलें एवं कविताएँ "अनामिका" इस तखल्लूस के साथ दुनिया के सामने लाने की एक कोशिश... - Shraddha R. Chandangir, Nagpur
Thursday 13 August 2015
भ्रम
मैंने ही सब जीता हैं, बस इसी वहम में रहता हैं
करनी तेरी होती हैं मालिक, इंसान भ्रम में रहता हैं।
~ अनामिका