Monday 31 August 2015

खामोश हवाएँ आवारा हो जाती हैं...

तुम सोच समझ के टहला करो खुले बालों से छत पे
खाँगखाँ खामोश बहती हवाएँ आवारा हो जाती हैं।
~अनामिका