इबादत और मोहब्बत में सिर्फ इतना ही फर्क हैं....
अक्सर लोग मोहब्बत को जहन में ही रखते हैं, जुबान तक नहीं लाते...
और इबादत सिर्फ जुबान के लिए रखते हैं, जहन में नहीं रखते।
~ अनामिका
अक्सर लोग मोहब्बत को जहन में ही रखते हैं, जुबान तक नहीं लाते...
और इबादत सिर्फ जुबान के लिए रखते हैं, जहन में नहीं रखते।
~ अनामिका