Saturday 8 August 2015

जमाने कि हँसी को....

जमाने कि हँसी को गमों का खुराक बना दिया
इसी तरह अपने गुनाहों को मैंने पाक बना दिया
जद्दोजहद में उलझ गए थे कई जरूरी किस्से
उनसे पिछा छुड़ाने के वास्ते उन्हें मजाक बना दिया।
~ अनामिका