जो बाँध सके तेरी यादों को वो जंजीर नहीं देखी
मेरी रूह से भी छीनले तुझे वो तकदिर नहीं देखी
कहीं मेरी ही नजर ना लग जाएँ इसी खौफ से ए सनम
इक अरसा हो गया मैंने तेरी तस्वीर नहीं देखी।
~ अनामिका
मेरी रूह से भी छीनले तुझे वो तकदिर नहीं देखी
कहीं मेरी ही नजर ना लग जाएँ इसी खौफ से ए सनम
इक अरसा हो गया मैंने तेरी तस्वीर नहीं देखी।
~ अनामिका