Sunday 19 July 2015

मुकद्दर

मुकद्दर की लिखावट का इक ऐसा भी कायदा हो
देर से किस्मत खुलने वालों का दुगुना फायदा हो।
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राजा हो या वजिर,  या कोई और बड़ा खिलाड़ी
जंग शुरू ही नहीं होती जो एक भी कम प्यादा हो।
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नजरें झुका लेने से भला सादगी का क्या ताल्लुक?
शराफत तब झलकती हैं जब नियत मे पर्दा हो।
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मोहब्बत सच्ची हैं तो फूलों को बागों में खिलने दो
जल्दी मुरझा जाएँगे जो हाथों में पकड़ ज्यादा हो।
~ अनामिका