इस blog के माध्यम से मेरी लिखी हुई कुछ हिंदी और मराठी गजलें एवं कविताएँ "अनामिका" इस तखल्लूस के साथ दुनिया के सामने लाने की एक कोशिश... - Shraddha R. Chandangir, Nagpur
Monday 6 July 2015
कमियाँ
कमियाँ होंगी किसी मे भी, तू क्यूँ उनको चून रहा हैं?
ऊपर वाला बैठा हैं ना, वो सब कुछ गिन रहा हैं।
~ अनामिका