Sunday 19 July 2015

सच्ची मोहब्बत...

क्या बताऊ के वो मेरा कैसे साथ निभाता हैं....
आँसू जब मेरी आँखो से छलकते हैं
तो पल में उन्हें थाम लेता हैं...
दुनिया के असली रंग जब मुझे पहचानने नहीं आते...
तो अपनी आँखो से मुझे सारी दुनिया दिखाता हैं...
जिंदगी के उजालो में तो हर कोई पास रहता हैं,
लेकिन इस तनहाई भरे अंधेरों में वो मेरी रोशनी बनकर आता हैं....
जब दूर वो मुझसे हो तो मेरी दुनिया अधूरी लगती हैं,
और जो पास मेरे वो आएं तो ये जहाँ पूरा लगता हैं....
और क्या कहूँ की मेरी मोहब्बत को वो किस तरह निभाता हैं...
हा कुछ इसी तरह मेरा "चश्मा" मेरा हर पल साथ नाभाता हैं। 8-)
~ अनामिका