Wednesday 8 July 2015

इश्क

बस दिन रात एक ही बात अब मुझे खलती हैं
मेरी खामोशी वो ना समझा, मेरी ही गलती हैं।
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कच्चे ही निकलते हैं अक्सर उम्मीदों के धागे
किस्मत खराब हैं कहकर हर बात टलती हैं।
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दिल लगाने वालों का एक लमहा गुजरता नही
और दिमाग वालों की जिंदगी आराम से चलती हैं।
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किसी ने सच ही कहा हैं, सौदा नहीं हैं मोहब्बत
सच्ची मोहब्बत के बदले, किसे मोहब्बत मिलती हैं।
~ अनामिका