इस blog के माध्यम से मेरी लिखी हुई कुछ हिंदी और मराठी गजलें एवं कविताएँ "अनामिका" इस तखल्लूस के साथ दुनिया के सामने लाने की एक कोशिश... - Shraddha R. Chandangir, Nagpur
Saturday 4 July 2015
बचपन
आज खुशियाँ तिजोरी में बंद पड़ी रहती हैं... पर सुकून तो बचपन के गुल्लक में जमा था...
~ अनामिका